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उपसर्ग और प्रत्यय को अलग कैसे करें?

 उपसर्ग शब्द की पहचान- शब्द के पहले लिखा जाता हैं  और बाद के शब्द का सार्थक अर्थ होता है । जैसें-  आ+ मरण= आमरण          आ- उपसर्ग है।          मरण- का अर्थ- मरने  या मरना।         अ+ जय = अजय          अ- उपसर्ग          जय का अर्थ- जीत इस तरह उपसर्ग की पहचान की जाती है।                               प्रत्यय  प्रत्यय- शब्द के बाद लिखे या लगाए जाते हैं ।जिससे अर्थ में  परिवर्तन आ जाता है। जैसे-   लिख + आवट= लिखावट          सजा+ आवट = सजावट  आवट का कोई सार्थक अर्थ नही है। यह प्रत्यय की पहचान है।

अलंकार का अर्थ और भेद

                            अलंकार  अलंकार का अर्थ- अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- ' गहना' या आभूषण । जिस तरह स्त्री अपनी सुन्दरताबढ़ाने के लिए आभूषणों का इस्तेमाल करती है,  उसी प्रकार काव्य की सुन्दरता बढ़ाने के लिए कवि अलंकार शब्दो का प्रयोग करता है। इस तरह कहा जा सकता है कि- काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दो को अंलकार कहते हैं ।                           अलंकार के भेद - अलंकार के दो भेद होते है- 1) शब्दालंकार  2) अर्थालंकार  शब्दालंकार- जब काव्य ( कविता) में शब्दो के द्वारा चमत्कार उतपन्न हो या परिवर्तन हो, उसे शब्दालंकार कहते हैं ।                       शब्दालंकार के भेद - 1) अनुप्रास अलंकार  2) यमक अंलकार  3) श्लेष अलंकार  1) अनुप्रास अलंकार- जब काव्य में कोई एक वर्ण एक से अधिक बार आए तो,  वहाँ अनुप्रास अलंकार होता हैं । उदाहरण-  1) रघुपति राघव राजा राम...