प्यासा कौआ।
कविता
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एक कौआ प्यासा था
उसने देखा,एक घड़ा
घड़े में थोड़ा पानी था
उसने मारे कंकड
पानी आया ऊपर
कौआ ने पिया पानी
खत्म हुई कहानी।
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कुछ याद आया,अरे!हाँ अपने बचपन की कविता 🤗
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