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Showing posts from July, 2018

सधि (Joining)

                                                   संधि                                 """""""""   संधि  का अर्थ:- संधि  का अर्थ होता है- मेल या जोड़ना । ************  परिभाषा:-  दो वर्णो  के  मेल से,वर्णो  का नया बदला हुआ      रूप संधि  कहलाता है।                                 संधि  के भेद(प्रकार)                         *********************   संधि  के  3 प्रकार होते हैं:- 1)स्वर संधि  2) व्यंजन  संधि  3)विसर्ग  संधि    स्वर  संधि  के प्रकार निम्न लिखित हैं  :- ***************************...

पर्यायवाची शब्द (Synonyms)

                               पर्यायवाची शब्द                      ********************* पर्यायवाची  शब्द  का अर्थ:-  समान  अर्थ  बताने वाले शब्द   ********************                                             पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं।  इनका प्रयोग एक ही वस्तु/प्राणी  के लिए किया जा सकता  हैं; जैसे- 1)  दिवस    - वार, दिन, वासर 2) तन       - काया, बदन, शरीर, गात 3) घमंड    -गर्व, अंहकार, अभिमान, दरप 4) गंगा    - सुरसरि,भागीरथी,मंदाकिनी, देवनदी 5) अतिथि - मेहमान,आगंतुक,पाहुना। 6) अनुचर - सेवक, दास, नौकर, भृतय,परिचारक 7) अमृत - सुधा, पीयुष, सोम,अमी, 8) अश्व- घोड़ा, तुरंग,बाज,हय,घोटक 9) असुर- राक्षस,दानव,दैत्य, रजनीचर ...

जानवरों पर बनें, मुहावरे।

                **जानवरों पर बने, मुहावरे**             ××××××××××××××××××××××   हिन्दी  भाषा  में  का क्षेत्र  बडा़  ही  विशाल  हैं। हिन्दी    भाषा  में  किसी  कठिन  या मजाकिया  बात  को  अनेक    मुहावरों  और  कहावतों  द्वारा  वयक्त  करती  है। जिससे   जटिल   विषय  या  गंभीर  बातों  को  भी  आसानी  से  समझा  जा  सकता  हैं।          हिन्दी  भाषा   में  प्रचलित   कुछ   जानवरों   और      पक्षियों   पर  बनें   मुहावरे  निम्नलिखित  है:-   *  अपना  उललू  सीधा  करना।   *  सौ  चूहे  खाकर बिल्ली हज को चली।  *  बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।  ...

👼👧बचपन वाली कविताएं 🌞🐒🐟

                  कविताएं                     *********    हम सभी ने बचपन में हिन्दी की बहुत ही अच्छी  कविताएँ पढ़ी    है।वो कविताएँ  हमें मस्ती-मस्ती में ढेर सारा ज्ञान भी देती थी।    हिन्दी भाषा  की हमें याद करके,कक्षा में  सुनानी भी पड़ती थी।   बड़ी  मजेदार होती थी, वो कविताएं।   मुझे अपने बचपन के कुछ कविताएँ याद हैं। जो   मै आप सभी के साथ शेयर करना चाहती हूँ।               🌞    दिन  निकाला  भाई 🌞           *************************  **  बड़े सबेरे मुर्गा बोला,चिड़ियों ने अपना मुँह खोला। **  बीती रात,कमलदल फूले,उनके ऊपर,भौंरे झूले। **आसमान  में, चमकने लगा,सोने का गोला। ** सब बोले,दिन निकला भाई।🌞🌞                            ...

🌞शुभ प्रभात🌹

**नया दिन,नई उमंग,नया जोश लेकर आई प्रभात, **उठो....जागो.....एक *नेक काम से करो... **इस ....शुभ......दिन  *की शुरुआत,🌞 **शुभ....हो ***आप **सभी का प्रभात**

प्रत्यय का अर्थ और प्रकार।

प्रत्यय:-किसी शब्द के अंत में लगकर उस शब्द के अर्थ को बदल देने वाले या नया अर्थ देने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहतें हैं। प्रत्यय मूल शब्द के अंत में लगकर उस शब्द के अर्थ को बदल देता है। उदाहरण के लिए :- दूधवाला,गायक, घबराहट, लिखावट,पढाकू, झगडालू आदि। दूध,घबरा,लिखा,पढ़ा, झगड़ा मूल शब्द हैं।वाला,आवट,आलू,आक,आन आदि शब्दांश लगे है।अंत मे लगने वाले इन शब्दों को प्रत्यय कहतें हैं।                              प्रत्यय के प्रकार                          ************** प्रत्यय 2 प्रकार के होते हैं :- 1)कृतवाचक कृत प्रत्यय(Primary suffix) 2)तद् धित प्रत्यय(Nominal suffix) कृतवाचक प्रत्यय :-कृत प्रत्यय क्रिया के मूल रूप में लगकर संज्ञा और विशेषण शब्दों की रचना करते हैं। सज(धातु)+आवट(प्रत्यय)-सजावट दया(धातु)+आलू(प्रत्यय)-  दयालू                                 ...