प्रत्यय का अर्थ और प्रकार।
प्रत्यय:-किसी शब्द के अंत में लगकर उस शब्द के अर्थ को बदल देने वाले या नया अर्थ देने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहतें हैं।
प्रत्यय मूल शब्द के अंत में लगकर उस शब्द के अर्थ को बदल देता है।
उदाहरण के लिए :- दूधवाला,गायक, घबराहट, लिखावट,पढाकू,
झगडालू आदि।
दूध,घबरा,लिखा,पढ़ा, झगड़ा मूल शब्द हैं।वाला,आवट,आलू,आक,आन आदि शब्दांश लगे है।अंत मे लगने वाले इन शब्दों को प्रत्यय कहतें हैं।
प्रत्यय के प्रकार
**************
प्रत्यय 2 प्रकार के होते हैं :-
1)कृतवाचक कृत प्रत्यय(Primary suffix)
2)तद् धित प्रत्यय(Nominal suffix)
कृतवाचक प्रत्यय :-कृत प्रत्यय क्रिया के मूल रूप में लगकर संज्ञा
और विशेषण शब्दों की रचना करते हैं।
सज(धातु)+आवट(प्रत्यय)-सजावट
दया(धातु)+आलू(प्रत्यय)- दयालू
कृतवाचक प्रत्यय के प्रकार
**************************
1)कृतवाचक
2)कर्मवाचक
3)करणवाचक
4)भाववाचक
5)विशेषणवाचक
1)कृतवाचक कृत प्रत्यय:-जो कृत प्रत्यय क्रिया को करने वाले का बोध कराते है,कृतवाचक प्रत्यय
उदाहरण:
कृतवाचक प्रत्यय - मूल शब्द - नया शब्द
अक -पाठ,धाव -पाठक, धावक,पाचक,चालक
पच,चाल
अककड -भूल,घूम - भूलककड,घुमककड,
आक -चाल,तैर -चालाक,तैराक
आका -लड़,पढ़ - लडाका,पढ़ाका
आकू -पढ़,लड़ -पढ़ाकू,लड़ाकू
एरा -बस,लुटा -बसेरा,लुटेरा
इया -घट,बढ़ -घटिया, बढ़िया
ऊ -खा,चाल -खाऊ,चालू
ऐरा -गा,लड़ -गवैया,लड़ैया
हार -पालन,होन-पालनहार,होनहार
वाला -दूध,पान -दूधवाला,पानवाला
2)कर्मवाचककृत प्रत्यय:- जो कृत प्रत्यय शव्दों के अंत में जुड़कर कर्मवाचक शब्द बनाते हैं,कर्मवाचक प्रत्यय कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए:-
कृतवाचक प्रत्यय - मूल शब्द -नया शब्द
औना -खेल,बिछ -खिलौना, बिछौना
नी -ओढ़,धौख -ओढ़नी,धौंकनी
ना -गा,खा,रो -गाना,खाना,रोना
हुआ -पढ़,सुन,देखा-पढ़ा हुआ, सुना हुआ देखा हुआ
हुई -सुन,पढ़ -सुनी हुई,पढ़ी हुई
3)करणवाचक कृत प्रत्यय:-जो कृत प्रत्यय शव्दों के अंत में जुड़कर संज्ञा शब्दों की रचना करते हैं,करणवाचक प्रत्यय कहलाते है।
कृतवाचक प्रत्यय - मूल शब्द - नया शब्द
आ -ठेला,भूल, झूल-ठेला,भूला,झूला
न -बंध,बेल,सह,रह -बंधन,बेलन,रहन
नी -चट,मथ,नथ,रच -चटनी,मथनी,नथनी
ऊ -झाड़, आडू -झाड़ू,आडू
ना -आ,गा,झेल -आना,गाना,झेलना
ई -रेत,गेत, -रेती,गेती
4)भाववाचक कृत प्रत्यय:-जो शब्द अंत में जुड़कर किसी कार्य को करने के भाव को प्रकट करें, भाववाचक कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
भाववाचक प्रत्यय
भाववाचक कृत प्रत्यय - मूल शब्द - नया शब्द
आई - पढ़,लड़,सुन,चतुर-पढ़ाई, लडाई,चतुराई
आहट -लिख,सज,मिल-लिखावट,सजावट,
मिलावट,दिखावट
अंत -भिड़,गढ़ -भिड़त,गढ़त
आन -थक,चढ़,उड़, -थकान,चढान,उडान
आवा -दिख,भूल,छल-दिखावा,भूलावा,छलावा
ई -बोल,हँस - बोली,हँसी
औती -मान,फेर -मानौती,फिरौती
आस -निक,पी -निकास,प्यास
ती -बढ़,घट,रह -बढ़ती,घटती,रहती
अन -चल,गम,मिल-चलन,मिलन,गमन
5)क्रियावाचक प्रत्यय:-जो कृत प्रत्यय शव्दों के अंत में जुड़कर क्रियावाचक विशेषण,संज्ञा शब्दों की रचना करते हैं,क्रियावाचक कृतवाचक प्रत्यय कहलाते हैं।
क्रियावाचक प्रत्यय - मूल शब्द -नया शब्द
ऊ/आऊ - खा,पी,झाड-खाऊ,पीऊ,झाडू
आ -बोल,सो,चल-बोला,सोचा,चला
कर -आ,जा,खा,देख-आकर,जाकर,खाकर
ते ही -उठ,लिख,पढ -उठते ही,लिखते ही
या -सो,गा,पी -सोया,गाया,पीया
आलु -कृपा,दया -कृपालु,दयालु
एरा -काम,लूट -कमेरा,लुटेरा
********************************************* मैं अगले poss में तद् धित प्रत्यय का अर्थ और प्रकार बताऊंगी।
प्रत्यय मूल शब्द के अंत में लगकर उस शब्द के अर्थ को बदल देता है।
उदाहरण के लिए :- दूधवाला,गायक, घबराहट, लिखावट,पढाकू,
झगडालू आदि।
दूध,घबरा,लिखा,पढ़ा, झगड़ा मूल शब्द हैं।वाला,आवट,आलू,आक,आन आदि शब्दांश लगे है।अंत मे लगने वाले इन शब्दों को प्रत्यय कहतें हैं।
प्रत्यय के प्रकार
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प्रत्यय 2 प्रकार के होते हैं :-
1)कृतवाचक कृत प्रत्यय(Primary suffix)
2)तद् धित प्रत्यय(Nominal suffix)
कृतवाचक प्रत्यय :-कृत प्रत्यय क्रिया के मूल रूप में लगकर संज्ञा
और विशेषण शब्दों की रचना करते हैं।
सज(धातु)+आवट(प्रत्यय)-सजावट
दया(धातु)+आलू(प्रत्यय)- दयालू
कृतवाचक प्रत्यय के प्रकार
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1)कृतवाचक
2)कर्मवाचक
3)करणवाचक
4)भाववाचक
5)विशेषणवाचक
1)कृतवाचक कृत प्रत्यय:-जो कृत प्रत्यय क्रिया को करने वाले का बोध कराते है,कृतवाचक प्रत्यय
उदाहरण:
कृतवाचक प्रत्यय - मूल शब्द - नया शब्द
अक -पाठ,धाव -पाठक, धावक,पाचक,चालक
पच,चाल
अककड -भूल,घूम - भूलककड,घुमककड,
आक -चाल,तैर -चालाक,तैराक
आका -लड़,पढ़ - लडाका,पढ़ाका
आकू -पढ़,लड़ -पढ़ाकू,लड़ाकू
एरा -बस,लुटा -बसेरा,लुटेरा
इया -घट,बढ़ -घटिया, बढ़िया
ऊ -खा,चाल -खाऊ,चालू
ऐरा -गा,लड़ -गवैया,लड़ैया
हार -पालन,होन-पालनहार,होनहार
वाला -दूध,पान -दूधवाला,पानवाला
2)कर्मवाचककृत प्रत्यय:- जो कृत प्रत्यय शव्दों के अंत में जुड़कर कर्मवाचक शब्द बनाते हैं,कर्मवाचक प्रत्यय कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए:-
कृतवाचक प्रत्यय - मूल शब्द -नया शब्द
औना -खेल,बिछ -खिलौना, बिछौना
नी -ओढ़,धौख -ओढ़नी,धौंकनी
ना -गा,खा,रो -गाना,खाना,रोना
हुआ -पढ़,सुन,देखा-पढ़ा हुआ, सुना हुआ देखा हुआ
हुई -सुन,पढ़ -सुनी हुई,पढ़ी हुई
3)करणवाचक कृत प्रत्यय:-जो कृत प्रत्यय शव्दों के अंत में जुड़कर संज्ञा शब्दों की रचना करते हैं,करणवाचक प्रत्यय कहलाते है।
कृतवाचक प्रत्यय - मूल शब्द - नया शब्द
आ -ठेला,भूल, झूल-ठेला,भूला,झूला
न -बंध,बेल,सह,रह -बंधन,बेलन,रहन
नी -चट,मथ,नथ,रच -चटनी,मथनी,नथनी
ऊ -झाड़, आडू -झाड़ू,आडू
ना -आ,गा,झेल -आना,गाना,झेलना
ई -रेत,गेत, -रेती,गेती
4)भाववाचक कृत प्रत्यय:-जो शब्द अंत में जुड़कर किसी कार्य को करने के भाव को प्रकट करें, भाववाचक कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
भाववाचक प्रत्यय
भाववाचक कृत प्रत्यय - मूल शब्द - नया शब्द
आई - पढ़,लड़,सुन,चतुर-पढ़ाई, लडाई,चतुराई
आहट -लिख,सज,मिल-लिखावट,सजावट,
मिलावट,दिखावट
अंत -भिड़,गढ़ -भिड़त,गढ़त
आन -थक,चढ़,उड़, -थकान,चढान,उडान
आवा -दिख,भूल,छल-दिखावा,भूलावा,छलावा
ई -बोल,हँस - बोली,हँसी
औती -मान,फेर -मानौती,फिरौती
आस -निक,पी -निकास,प्यास
ती -बढ़,घट,रह -बढ़ती,घटती,रहती
अन -चल,गम,मिल-चलन,मिलन,गमन
5)क्रियावाचक प्रत्यय:-जो कृत प्रत्यय शव्दों के अंत में जुड़कर क्रियावाचक विशेषण,संज्ञा शब्दों की रचना करते हैं,क्रियावाचक कृतवाचक प्रत्यय कहलाते हैं।
क्रियावाचक प्रत्यय - मूल शब्द -नया शब्द
ऊ/आऊ - खा,पी,झाड-खाऊ,पीऊ,झाडू
आ -बोल,सो,चल-बोला,सोचा,चला
कर -आ,जा,खा,देख-आकर,जाकर,खाकर
ते ही -उठ,लिख,पढ -उठते ही,लिखते ही
या -सो,गा,पी -सोया,गाया,पीया
आलु -कृपा,दया -कृपालु,दयालु
एरा -काम,लूट -कमेरा,लुटेरा
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Pls tell this ----
ReplyDeleteSoya shabd Ka muleshabd aur pratye alag kre