र और ऋ संबंधी अशुद्धियाँ ।
हम बात कर रहे है,मात्राओ की अशुद्धियो की।मात्रा की गलती से अर्थ का अनर्थ हो जाता हैं, जैसे:-चिता-चिंता।देखा आपने एक जरे सी बिन्दी से कैसे शब्द का अर्थ ही बदल गया।हिंदी भाषा में में मात्राओ का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
आज हम जानेेगे कि कैसे र और ऋ संबंधी अशुद्धियों को:-
ग्रहणी × गृहणी **********************
घ् णा × घृणा
मात्रि × मातृ
प्रथवी × प्रथ्वी
श्रंंगार × श्रृृंगार
प्रथक × पृथक।
ए और ऐ संबंधी अशुद्धियाँ
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एतिहासिक × ऐतिहासिक
पेैैदावार × पैदावार
एनक × ऐनक
सदेव × सदैव
सेनिक ×सैनिक
में × मैं
ओ तथा औ संबंधी अशुद्धियाँ
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तयोहार ×त्योहार
पोधा × पोैैधा
मनोती × मनौती
रौशनी × रोशनी
लोकिक ×लौकिक
तो यह थी स्व र संबंंधी कुछ अशुद्धियाँ,जिनका हमें हमेशा ध्नया रखना चाहिये ।
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मैं अगले Post में आपको बताऊंगी व्यंजन संबंधी अशुद्धि
के बारे में। जो गलतिियाँ हम अकस र करते हैं या सुनते हैं किसी के मुंह से,जो कि गलत मात्रा और गलत उच्चारण के कार ण की जाती हैं।
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