जानवरों पर बनें, मुहावरे।


                **जानवरों पर बने, मुहावरे**
            ××××××××××××××××××××××
  हिन्दी  भाषा  में  का क्षेत्र  बडा़  ही  विशाल  हैं। हिन्दी 

  भाषा  में  किसी  कठिन  या मजाकिया  बात  को  अनेक 

  मुहावरों  और  कहावतों  द्वारा  वयक्त  करती  है। जिससे

  जटिल   विषय  या  गंभीर  बातों  को  भी  आसानी  से

 समझा  जा  सकता  हैं। 

        हिन्दी  भाषा   में  प्रचलित   कुछ   जानवरों   और 

    पक्षियों   पर  बनें   मुहावरे  निम्नलिखित  है:-

  *  अपना  उललू  सीधा  करना। 

 *  सौ  चूहे  खाकर बिल्ली हज को चली। 

*  बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद। 

*  धोबी का कुता घर का न घाट का। 

*  मुँह मियाँ मिट्ठू होना। 

*  भैंस के आगे बीन बजाना। 

*  ऊँट के मुँह में जीरा। 

*  जाने ऊँट किस करवट बैठता। 

*  जिसकी लाठी उसी भैंस। 

*  आ बैल मुझे मार। 

*  मगरमच्छ के आँसू रोना। 

*  आस्तीन का साँप। 

* जंगल में मोर नाचा किसने देखा। 

*  बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे। 

*  घोड़ा घास से दोस्ती करेगा,वो खाएगा क्या। 

*  कछुआ  की चाल। 

*  गिरगिट की तरह रंग बदलना। 

*  उड़ती चिड़िया के पंख गिनना। 

*  तोते उड़ ना। 

*  काला अक्षर भैंस बराबर। 

*  अब पछताया होत क्या, जब चिडियाँ चुग गई खेत।

*   घर की  मुर्गी दाल बराबर। 

*  अजगर की कुंडली मारना।

*  एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती हैं। 



    यह  हैं कुछ  हिन्दी  भाषा  के  मजेदार  मुहावरे। इनका 

इस्तेमाल   करके  हम  अपनी  बातों  को  आसानी   से 

समझा  सकते  हैं। 


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

👼👧बचपन वाली कविताएं 🌞🐒🐟

उपसर्ग:-सु,कु,नि,बिन,स,उन